उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय-8: गोल्फ

डिटेक्टिव समीर गोल्फ खेल रहा था रोज की थकान के लिये यह एक बेहतर तरीका है उसने शाॅट मारा बाॅल हवा में उड़ती हुई नीचे गिरी और उछलते हुये होल से करीब चार-पाॅच फिट दूर आकर रूक गयी समीर बाॅल के पास गया और और चढ़ाई-ढलान का सही अंदाजा लगाते हुये टी को ऊपर से घुमाया और सही जायजा लेते हुये शाॅट मारा फाईनली बाॅल होल में पहुँच ही गयी समीर के चेहरे पर जीत की खुशी दिखने लगी तभी अचानक समीर का फोन बजा उसने डिस्प्ले देखी तो कोई अननोन नम्बर था उसने काॅल अटेन्ड की तब डिटेक्टिव करन हियर, एन्ड यू आर डिटेक्टिव समीर , तब समीर बोला यस बोलो। करन बोला मेरी जानकारी के हिसाब से हाल ही मेंलचल रहे सीरियल केस के इंचार्ज, समीर बोला हाँ यह बात सुनकर समीर ने दूसरा गेम खेलने का विचार त्याग दिया और ध्यान से उसकी बातें सुनने लगा करन-अगर आपको एतराज न हो मतलव आप फ्री हो तो क्या आप मेरे पुलिस स्टेशन आ सकते हैं मेरे पास इस केस के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी है शायद आपके काम आयेगी ठीक है कहते हुये बगल से गुजर रहे लड़के को इशारा करते हुये समीर ने कहा समीर ने करन से फोन पर ही बात करते हुये टाइम बगैरह तय कर लिया और वह सामान उठाकर ले जाते हुये लड़के के साथ वापस हो लिया।

दयाल कुशवाह

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