मुक्तक/दोहा

मुक्तक

आज के दिन के सूर्योदय से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारम्भ की थी।

आज के दिन सम्राट विक्रमादित्य ने राज्य स्थापित किया था इनके नाम पर ही विक्रमी संवत प्रारम्भ होता है।

आज के दिन ही प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था।

आज के दिन ही शक्ति और भक्ति के नौ दिन नवरात्र का पहला दिन है।

आज के ही दिन सिख परंपरा के द्वितीय गुरु श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है।

आज के ही दिन स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने आर्य समाज की स्थापना की थी।

आज के ही दिन संत झुलेलाल जी प्रगत हुए थे।

आज के ही दिन विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित किया था।

आज के ही दिन युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था।

अत: आज के ही दिन मेरे पूरे परिवार के तरफ से आप के पूरे परिवार को पावन चैत्री नवरात्र व नववर्ष की हार्दिक बधाई सह मंगल शुभकामना……..

ॐ जय माता दी, ॐ नमः शिवाय, ॐ जय गणेश जी, ॐ जय श्रीराम, ॐ जय बजरंगबली……..

“सद्भाव”

मन मन की यह चाह है, बना रहे सद्भाव

करुणा कोमलता बढ़े, कभी न बढ़े अभाव

मानव मानव से मिले, मनसा बाढ़े प्रीत

आपस की सद्भावना, गली शहर घर गाँव॥

“दुर्भाव”

अच्छे अच्छे कर्म हो, अच्छे अच्छे भाव

सच्ची सच्ची बात हो, हो विलुप्त दुर्भाव

उगता सूरज कह रहा, लिए नई सौगात

नई किरण की लालिमा, प्रात: योग प्रभाव॥

महातम मिश्रा, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ