गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

खुदा से ख़ौफ़ नहीं कर रहा है आदमी।
एक दूजे का दुश्मन बन रहा आदमी।।
खैरियत पूछता कौन है अब किसी की यहाँ।
मतलबपरस्ती में जी रहा है आदमी।।
रंग नित नए बदलता अपने जीवन मे आदमी।
गिरगिट भी हैरान हो देख रहा आदमी।।
मर्यादा त्याग कर हँस रहा है आदमी।
रिश्तों का अपनापन खो रहा आदमी।।
इंसानियत को भूल हैवान बन रहा आदमी।
खुद में बैठे भगवान को खोजता नहीं।
मंदिर मस्जिद में खोज कर रहा आदमी।।
मेहनत की कमाई से जी चुराता आदमी।
मुफ्त में पाने का जतन कर रहा आदमी।।
देश का भला कैसे हो “पुरोहित” यहाँ।
हर कोई मनमानी पर उतर रहा आदमी।।
कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email 123rkpurohit@gmail.com