कविता

वंदन बन नमन करे

चंदन बन वंदन करें
देश की माटी हम,
नित नित तुझे नमन करे ।।

पर्वत पठार
कल-कल छल-छल
बहती अविरल धारा
चाहें घनघोर घटाएं आयें
या कोहरा बन धूँध सा,
एक बॉदल छाये
तब भी श्वेत चाँदनी हम कहलायें ।।

तपन वीरों की
तप कर हम
बन शीत-शीतल
एक ठण्ड़क बने
क्यूँ …न हम
नव कुंदन चमक बना दें ।।

बिखरा-बिखरा,
पर बिछड़ा न हो
मिलों और मिलाओ
समेट कर समेट लो
झुमती खुशहाली लाओं
नया सा पैगाम बनाओं ।

गम न करो…
विनम्र सदा हीं बने रहों
इस धरा पर आये
निर्मित नव निर्माण..कर
नव विचार स्थापित करों
भेदभाव,,ऊँच-नीच..
भावों के भाव से परे
ऐसे हम आधार बनाये
ऑसमा तक पंख फैलाओं ।।

पकड़ सच की
राहें सत्य की
खुशहाली वो
हर अंबर पर छाये
हर कदमों की आन-बान-शान हो
हमारा-आपका……
हम सबका ऐसा ये ज़हान हो ।
जय जय भारत देश हो ।।
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जय हिंद ।।

उमा मेहता त्रिवेदी

उमा मेहता त्रिवेदी

1- रचनाकार पूरा नाम::श्रीमति उमा मेहता त्रिवेदी 2- पिता::श्रीयू.एन.मेहता सा../पति का नाम:: आर.त्रिवेदी 3- शिक्षा/जन्म तिथि::M.Sc(Geo)+Bed /6July 79 4- प्रकाशन विवरण .::Many National,stet& local leval K newspapers N Megjins me ...Many Artical,Vayggy,Rachnaye Also...Gazal ssss . Published... 5- सम्मान का विवरण (यदि कोई हो तो दें)::Many times Stet & National awarded In Kavy path also..भारत के प्रतिभाशाली &गौरवशाली साहित्यकार पुरस्कार ,,अमृत सम्मान पुरस्कार ...कृति प्रकाशन से सम्मानित,, अब तक चार साझा-संगृह मे प्रकाशित हो चुकी 90% रचनाएँ, आर्टिकल एंव गजल साथ ही गाने और व्यंग्य भी लिखने का शौक रखती है । लिखना और पढ़ना इनकी उपासना के साथ शोक व पंसद भी है । कयी वेब साईड पर इनकी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है ।