कविता

अमर

वृक्ष के तले चौपाल
जहाँ बैठकर पायल की रुनझुन
बहक जाता था दिल
दिल जवां
हो जाता था इश्क
आज उसी वृक्ष तले
चौपाल पर इश्क
खोजते
विकास के नए आयाम में
खुद चुकी चौपाल
वृक्ष नदारद
धुंधलाई आँखों से
घूम हुए का पता पूछते
लोग कहते क्या पता?
समय बदला
घूम हुई पायल की रुनझुन
इश्क हुआ घूम
पास की टाल में
लकड़ी का ढेर
कटे पेड़ की लकड़ी
गूंगी हुई लकड़ी
निहार रही लकड़ी के टाल से
मौत आई
उसी इश्क की लकड़ी से जलाया मुझे
रूह तृप्त हुई
हुआ स्वर्ग नसीब
इश्क ऐसे हुआ अमर

संजय वर्मा ‘दॄष्टि ‘
मनावर जिला धार

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच