कविता

कविता- वहाँ मिलूँगी मैं

तुम हर पल ढूंढकर देख लेना.

मैं तुम्हारी यादों की बस्ती में मिलूँगी.
कोई जब खिलखिला कर हँसे.
उसकी उस हंसी में मिलूँगी मैं.
जब रिमझिम बारिश होगी.
उस बारिश की नन्ही नन्ही सी बूंदो में मिलूँगी मैं.
 तुम्हारे हर जज्बात तुम्हारी हर बात में मिलूँगी मैं.
जब कभी अकेले बैठना उस अकेलेपन में मैं मिलूँगी.
आंखे बंद करना और मुझे महसूस करना.
कही नही बस तुम्हारे दिल के किसी कोने में मिलूँगी.
जब भी सर्द मौसम होगा.
तब उस कोहरे की धुंध में मिलूँगी मैं.
मैं तुमसे दूर कभी नही जाऊँगी.
मैं और मेरी यादें हमेशा तुम्हारे दिल मे रहेगी.
मैं कही नही बस तुम्हारे दिल में ही रहूँगी.
तुम्हारे हर गम में साथ नज़र आऊँगी.
मैं तुम्हे तन्हा देखकर  कभी नही जी पाऊंगी.
अपने होठों की हसीं तुम्हारे नाम कर जाऊँगी.
तुम मुझे भुला देना भले ही कभी.
मगर मैं तुम्हे कभी भूल नही पाऊंगी.
मेरी यादों से तुम कभी जुदा नही हो पाओगे.
मैं ज़िन्दगी के हर लम्हे में मिलूँगी.
“आकांक्षा पाण्डेय” उपासना

उपासना पाण्डेय

पूर्ण नाम : आकांक्षा पाण्डेय साहित्यिक नाम ; उपासना पाण्डेय जन्मतिथि : 21दिसम्बर 1991 वर्तमान पता: ट्रांजिस्ट हॉस्टल के पीछे आजाद नगर हरदोई शहर : हरदोई जिला: हरदोई राज्य : उत्तर प्रदेश विधा: पद्य (श्रृंगार रस ,रचनाये) गद्य( लघुकथाएं, सामाजिक लेख, कहानियां) ब्लॉग-Upasnamerasafr.blogspot.in