गीत/नवगीत

गीत- चैन की बांसुरी बजा रहे बाबा,

चैन की बांसुरी बजा रहे बाबा,

सु-धर्म की धूनी जगा रहे बाबा

आसन जमीनी जगह शांतिदायी

नदी पट किनारे नहा रहे बाबा॥….. चैन की बांसुरी बजा रहे बाबा

माया सह काया तपा रहे बाबा

सुमन साधना में चढ़ा रहे बाबा

सुंदर तट लाली पीत वसन धारी

राग मधुर संध्या सुना रहे बाबा॥….. चैन की बांसुरी बजा रहे बाबा

पपीहा को पानी पिला रहे बाबा

कोयल को गाना सुना रहे बाबा

परम राग निर्गुण गान शुभ प्रभाती

बारह महिना गुनगुना रहे बाबा॥….. चैन की बांसुरी बजा रहे बाबा

— महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ