कविता

साहिल

हिम्मतों को अपनी टूटने न दो
होंसलों को अपने रूठने न दो
जिंदगी ले आये तूफान कितने,
पर नैया को अपनी डूबने न दो !

होंसलें बुलंद हों तो सब कुछ होता हासिल,
मुश्किलों से जूझकर हर शक्स बनता काबिल,
जो न डरता तनिक भी तेज आँधियों से,
उसकी नौका को मिलता ज़रूर है साहिल !

बढ़ता जा तू पथ पर आगे ही आगे राही,
इक दिन पायेगा ज़रूर तू मंजिल मनचाही,
साहिल खुदबखुद चलकर तुझ तक आएगा,
भय को तनिक भी न रख मनमाहीं !

अंधियारे में आशा का दीपक जला,
निराशा को अपने मन से हटा,
साहिल तक पहुँचना हो अगर तूने,
आने वाली मुश्किलों को दूर भगा !

बेवजह आंसूं बहाना छोड़ दे बंदे,
गम जगत को तू दिखाना छोड़ दे बंदे,
साहिल तक पहुंचने का हुनर रख,
अपनी नौका का डगमगाना छोड़ दे बंदे !

— डॉ. सोनिया

डॉ. सोनिया गुप्ता

मैं डॉ सोनिया गुप्ता (बी.डी.एस; ऍम.डी.एस) चंडीगढ़ के समीप,डेराबस्सी शहर में रहने वाली हूँ! दंत चिकित्सक होने के साथ साथ लिखना मेरा शौंक है! २००५ में पहली बार मैंने कुछ लिखने की कोशिश में अपनी कलम उठाई थी और, आगे ही आगे लिखने का सफर चलता रहा! कुछ कविताएँ हरियाणा की पत्रिका “हरिगंधा में प्रकाशित हुई! मेरी हाल ही में दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुई हैं! मैं अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखती हूँ, और कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुई! मेरे तीन अंग्रेजी और तीन हिंदी के काव्य संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित होने वाले हैं! कवियत्री होने के साथ साथ मुझे चित्रकारी, गायिकी, सिलाई, कढाई, बुनाई, का भी हुनर प्राप्त है! मेरे जीवन की अनुकूल परिस्थितयों ने मुझे इन सब कलाओं का अस्तित्व प्रदान किया! कहते हैं, ”इरादे नेक हों तो सपने भी साकार होते हैं, अगर सच्ची लग्न हो तो रास्ते भी आसान होते हैं”..अपनी लिखी इन्हीं पंक्तियों ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया आगे बढने के लिए ! मेरा हर कार्य मेरे ईश्वर, मेरे माता पिता को समर्पित है, जिनके आशीष से मैं आज इस मुकाम तक पहुंची हूँ ! आशा है मेरी कलम से तराशे शब्द थोड़े बहुत पसंद अवश्य आएँगे सभी को!!!

One thought on “साहिल

  • अर्जुन सिंह नेगी

    अच्छी रचना डाक्टर साहब…. आपका परिचय पढ़कर भी अच्छा लगा … आपको सलाम

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