गीत/नवगीत

वसन्त गीत

आया वसन्त, आया वसन्त, वसन्त ऋतु आई।
धरती धानी, अम्बर नीला, रंग विरंगी ऋतु आई।।
मोर पपीहा नाच रहे हैं,
चिड़ियाँ चहक रही हैं।
घर-घर मे मधु गीत बज रहे,
गूंज रही है शहनाई।
आया वसन्त आया………….
हरे भरे हैं वृझ झूमते,
सबको सुगन्ध हैं देते।
खेत खलिहान में धूम मचा रही,
हो रही होली की अगुवाई।
आया वसन्त आया………….
मदमाती सी हवा चल रही,
भौंरे, तितली भी चहक रही।
सरसों, बौरों ने है राग छेड़ा,
प्रेम मिलन की ऋतु है आई।
आया वसन्त आया………….

*बाल भास्कर मिश्र

पता- बाल भाष्कर मिश्र "भारत" ग्राम व पोस्ट- कल्यानमल , जिला - हरदोई पिन- 241304 मो. 7860455047