गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

झूठे कसमें, वादे, कहानी लिखेंगे।
जो आँखों से बहता पानी लिखेंगे।
आरजू थी मुझे प्यार-ए-हसरत,
बेवफाई जीवन में रवानी लिखेंगे।
चाहती थी तुझे हद से भी ज्यादा,
प्यार में धोखा, बेईमानी लिखेंगे।
गैरों के खातिर तुमने बहुत रुलाया,
कहीं रंज-ओ-ग़म सुनामी लिखेंगे।
करते थे कभी इश्क़-ए-मोहब्बत,
उसी को फ़क़त जिंदगानी लिखेंगे।
झूठी तसल्ली हमें देते रहे तुम,
तेरे प्यार की मेहरबानी लिखेंगे।
दिल की किताबों के हर पन्ने पर,
जिंदगी की दास्तां जुबानी लिखेंगे।
सुमन अग्रवाल “सागरिका”

सुमन अग्रवाल "सागरिका"

पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी शिक्षा :-बी. ए. ग्रेजुएशन व्यवसाय :- हाउस वाइफ प्रकाशित रचनाएँ :- अनेक पत्र- पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित। सम्मान :- गीतकार साहित्यिक मंच द्वारा श्रेष्ठ ग़ज़लकार उपाधि से सम्मानित, प्रभा मेरी कलम द्वारा लेखन प्रतियोगिता में उपविजेता, ताज लिटरेचर द्वारा लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, साहित्य सुषमा काव्य स्पंदन द्वारा लेखन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, काव्य सागर द्वारा लेखन प्रतियोगिता में श्रेष्ठ कहानीकार, साहित्य संगम संस्थान द्वारा श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, सहित्यपिडिया द्वारा लेखन प्रतियोगिता में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित। आगरा