कविता

मेरा परिचय

मेरा परिचय

मैं बेटी हूँ मेवाड़ की , उदयपुर की,
मुझे गर्व है , वीर भूमी पर जन्मी,
यहाँ का कण कण गाता गाथा ,
उन वीरों की जो हुए शहीद ,
इस मातृभूमि की रक्षा को ,

इस के इतिहास ने वो वो ,
ऐतिहासिक घटनाएं देखी ,
जो आज भी हर हिंदुस्तानी के ,
ज़हन में ताजा है सारी ,

मेवाड़ की धरा पर वीर माता,
पद्मिनी ने अपनी रक्षा के लिए ,
असंख्य औरतों के संग किया” जौहर ”
अपनी और सबकी लाज बचाई,

यहीं इसी मिट्टी में पन्ना धाय,
मीरा , ने भी इतिहास नया बनाया था,
इन्होंने बताया औरत कमजोर नही,
वो वीरांगना है जो डरती नही किसी से,

यहाँ जन्म हुआ राणा सांगा, उदय सिंह,
यही जन्मे महाराणा प्रताप ,
जिनकी गाथा शान से हम गाते हैं,
सालों बाद आज भी सबके लिए ,
है वो प्रेरणा स्रोत ,

हां ,मुझे गर्व नही अभिमान है ,
मैं बेटी हूँ मेवाड़ की ,
यही मेरी जन्म भूमि, कर्म भूमि है ,
यही मेरा अभिमान है ।

इस मिट्टी ने मुझे सिखाया,
गलत करना नही , गलत सहना नही,
सबसे प्रेम भाव रखो , नफरत नही करो,
मेरे चरित्र का निर्माण इसी मिट्टी से हुआ,

मुझे अभिमान है मेवाड़ पर,
मेरा गर्व है ये छोटा सा उदयपुर,
मेरी शान है ये , इसके कारण ,
खुद पर अभिमान है ,
मैं बेटी हूँ मेवाड़ की ।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।