बाल कविताबाल साहित्य

शाम सुहानी

मेरी शाम सुहानी हो जाये
नानी एक कहानी हो जाये

कोई अच्छी सी
कोई सच्ची सी
जो गुज़री हो
कोई लम्बी सी

वही बात पुरानी हो जाये
नानी एक कहानी हो जाये

कोई सुख का हो
कोई दुःख का हो
जो नयन में अश्रु
बन छलका हो

मेरी आँख का पानी हो जाये
नानी एक कहानी हो जाये

कोई खेतों की
कोई हाटों की
कोई पनघट की
कोई घाटों की

तेरी अपनी बिरानी हो जाये
नानी एक कहानी हो जाये

कोई मौसी की
कोई मामा की
हो राधा की
या कान्हा की

कथ्य अल्हड़ जवानी हो जाये
नानी बस एक कहानी हो जाये

— मो. जहाँगीर ‘जहान’

मो. जहाँगीर 'जहान'

जन्म तारीख : 06-07-1993. जन्म भूमि : ग्राम हाफ़िज़ गंज, जिला बरेली, उत्तर प्रदेश. शिक्षा : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में परास्नातक और वर्तमान में यहीं से कथा साहित्य में शोध (Ph. D.) कर रहा हूँ। शौक : लिखना और पढ़ना.