कविता

कोरोना की पराजय 

कोरोना का शोर है सब तरफ
फैला रहा है महामारी
जूझ रहे  दुनिया के नर नारी
 ये वायरस है संक्रमण का
 तेज बुखार ,गला खराब
होती खांसी भारी, सांस मे पीड़ा
 लगे अगर सांस लेना मुश्किल
तो तुरंत अपनी जांच करना
जो करोगे शीघ्रता  से ईलाज
 बच सकती है  जान,
 सुरक्षित सभी नाते, रिश्तेदार
इस से बचनें का उपाय है यही
स्वच्छता रखना , हाथ धोते रहना
ग्राम पानी से गले की  करना सेक
लेना  सुबह नींबू पानी
 बनी रहेगी रोगप्रतिरोधक शक्ती
सेवन गिलोय  तुलसी ,नीम सत्व ,देता इसमें लाभ
अपने आयुर्वेद में है सटीक  उपाय
भारत के संस्कार  पा लेंगे इस पर विजय
खत्म कर देंगे हम विश्व से इस का कहर ।
हाथ जोड़ नमस्ते  करना
ना मिलाना हाथ किसी से
भीड़ की जगह से बचना
 घर में ही रहकर करना काम
जो जाना पड़े बाहर
लगाकर जाना मुंह पर मास्क
घर में खाना स्वच्छता से बना खाना
 बाहर होटल का न खायें खाना
ध्यान रखना अपनों का
खत्म होगा कोरोना का कहर
 कोरोना पर विजय पा
अपने प्यारे वतन को बचाना ।
— बबिता कंसल 

बबीता कंसल

पति -पंकज कंसल निवास स्थान- दिल्ली जन्म स्थान -मुजफ्फर नगर शिक्षा -एम ए-इकनोमिकस एम ए-इतिहास ।(मु०नगर ) प्राथमिक-शिक्षा जानसठ (मु०नगर) प्रकाशित रचनाए -भोपाल लोकजंग मे ,वर्तमान अंकुर मे ,हिन्दी मैट्रो मे ,पत्रिका स्पंन्दन मे और ईपुस्तको मे प्रकाशित ।