कविता

कोरोना

कोरोना नही ये तो जंग है,
जिसमे कभी हार तो कभी जीत है।।
जिसने रखी हिम्मत अपनाया सारा नियम,
मात दी कोरोना को हुए वो सफल।।
 यह कठिन परिस्थिति है,
फैसलों मे भी नजदीकीयां है।।
कुछ सफ़र में साथ चले और कुछ छोर गए,
बिन गुनाह किये ऐसी सज़ा भुगत गए।।
 दुनिया मे जो चेहरे चमका करते थे,
आज वो भी चेहरे मास्क मे छिप गए।।
सिमट कर रह गए हम इस दुनिया की भीड़ में,
डर लगने लगा है अब किसी भी दस्तक से।।
है यकीन देंगे मात इस महामारी को,
जब तक है साथ स्वास्थ्य कर्मियों का।।
तोड़े ना कोई भी नियम ना करे कोई लापरवाही,
करे खुद से वादा रखे खुद का ख्याल।।
साफ स्वच्छ वातावरण रखे हमेशा,
तभी कोरोना बदलेगी अपनी दिशा।।
— सरिता श्रीवास्तव

सरिता श्रीवास्तव

जिला- बर्धमान प्रदेश- आसनसोल, पश्चिम बंगाल