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स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय कविताओं की गूंज

मंडला- स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य सदन की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी “जश्ने आजादी” का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ मोहन तिवारी  के द्वारा की गयी।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.डाॅ सरोजनी ‘तनहा’ और विशिष्ट अतिथि कर्नल प्रवीण त्रिपाठी थे।
डाॅ राजीव पांडेय के कुशल  संचालन में गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
सर्वप्रथम मंच पर संस्था की अध्यक्षा कुसुम लता’कुसुम’जी की सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आगाज़ किया गया।अलग अलग प्रांतों से पधारे कविगणों ने अपने शानदार साहित्यिक देशभक्ति से ओतप्रोतश्रेष्ठ काव्य पाठ से कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की।काव्य पाठ करने वाले साहित्य शिल्पी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। डॉ राम निवास ‘इंडिया’,डॉ राजीव पांडेय, श्रीमती कुसुम लता ‘कुसुम’,डॉ अशोक कुमार’मयंक’,रोहित कुमार ‘रोज’, कर्नल प्रवीणत्रिपाठी,डॉ०रामप्रकाश’पथिक’,प्रो०(डॉ)सरोजनी ‘तनहा’ , डॉ मोहन तिवारी’आनंद’, श्रीमती सुनीता पुनिया,प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे ,डॉ नीलम खरे ,श्रीमती वेदस्मृति कृति, श्रीमती ममता सिंह राठौर  भगत सिंह राणा   ‘हिमाद’ ,श्रीमती  सुनीता सेमवाल,
श्रीमती करुणा किरन अथैया,  अतुल पाठक ‘धैर्य’ ,श्रीमती रजनीश गोयल ,श्रीमती रश्मिलता मिश्रा,श्रीमती नीलम गुप्ता, श्री श्याम मोहन गुप्ता,श्रीमती  रीता गौतम,डॉ महिमा दुबे, श्रीमती आशा त्रिपाठी, डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन, श्रीमती अर्चना गोयल माही,श्रीमती एकता कोचर रेलन, श्रीमती हेमा सिंह, भावना गौड़ आदि। सुपरिचित राष्ट्रीय कवि प्रो.शरद नारायण खरे की ये पंक्तियां बेहद पसंद की गईं-
  “वतन के वास्ते नित ही हथेली जान रखता हूं ।
  मैं अपने मुल्क़ का हरदम बहुत सम्मान रखता हूं,
 रहे उसकी सुरक्षित शान,स्वाभीमान यह चाहत,
 चमकता वो रहे रवि-सा,यही अरमान रखता हूं ।”
अंत में संस्था के संस्थापक -अध्यक्ष डॉ रामनिवास इंडिया ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया ।