बाल कविता

संस्कारी बन जाओ

गुरुजन, मात -पिता जन
बच्चों को देते है संस्कार,
जो बच्चा कहा हुआ माने
वे ही बच्चे बनते है महान।

सच्चे मार्ग पर चले जो बच्चे
वे अपना परचम फहराते है,
परिश्रम जो नित करते है
वही बच्चे मंजिल पा जाते।

शिक्षा सबसे बड़ा धन है बच्चों
मन लगाकर पढ़ाई रोज करो,
शिक्षा धन से ही जीवन में
आ जाती है सुख समृद्धि।

मेहनत से ही जीवन में
उच्च पद पा सकते हो,
केवल सपनों में रहना मत
नहीं तो मुंगेरी लाल बन जाओगे।

सम्यक ज्ञान ग्रहण कर बच्चे
मातृभूमि की रक्षा करते,
दीन -हीन,निर्बलों विकलों की
यही बच्चे पीड़ा हर लेते है।

अपना कर्तव्य निभाओ बच्चों
पढ़ लिख कर खूब नाम कमाओ,
फल तुमको मिल जायेगा
कर्मो पर विश्वास जताओ।

जो भी बच्चा कर्तव्य निभाता
विश्व भर में वह नाम कमाता ,
नमन जमाना तुम्हें करेगा
तुम संस्कारी बच्चे बन जाओ।

— कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171