मुक्तक/दोहा

जन-जन तारणहार

मोदी, योगी नाम दो, जन-जन तारणहार
देश बनाते स्वर्ग सम, देते ख़ुशी अपार॥
हिन्दी विकसित हो रही,विकसित हर परिवेश
ऐसे नायक के लिये, अब तक तरसा देश॥
रामलला के धाम की , महिमा अपरम्पार
नायक भारत देश के , नमन करें स्वीकार॥
महादेव की अर्चना , करते बारम्बार
शिवगण अब स्वीकारिये ,काशी का आभार॥
सुख सुविधा चहुँ दिश हुई, देश हुआ सम्पन्न
विपदा सब टलने लगी ,हर मन हुआ प्रसन्न॥
अवधपुरी वाराणसी , मंदिर बने विशाल
अब मथुरा की ओर को , उड़ता जाये गुलाल॥
राजनीति के यज्ञ में, दूँ आहुति हर बार
अंतिम दिन तक सृष्टि के , रहे यही सरकार॥
— अनामिका लेखिका

अनामिका लेखिका

जन्मतिथि - 19/12/81, शिक्षा - हिंदी से स्नातक, निवास स्थान - जिला बुलंदशहर ( उत्तर प्रदेश), लेखन विधा - कविता, गीत, लेख, साहित्यिक यात्रा - नवोदित रचनाकार, प्रकाशित - युग जागरण,चॉइस टाइम आदि दैनिक पत्रो में प्रकाशित अनेक कविताएं, और लॉक डाउन से संबंधित लेख, और नवतरंग और शालिनी ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित कविताएं। अपनी ही कविताओं का नियमित काव्यपाठ अपने यूटयूब चैनल अनामिका के सुर पर।, ईमेल - anamikalekhika@gmail.com