बाल कविता

मेरा देश

हरा भरा है मेरा देश
सुखद मनोरम प्यारा देश
धरा यहां की बहुत पवित्र
सब धर्मावलम्बी मेरे मित्र

एक समान हैं सारे धर्म,
हम सब करते अच्छे कर्म।
होली, ईद, दशहरा, दिवाली,
मिल जुल कर आती खुशहाली।

याद है बचपन गली, स्कूल
धूप सुनहरी उड़ती धूल
जिन वीरों ने दिया बलिदान,
आओ याद में सब गाएं गान।

धर्म कई पर हम सब एक
रंग, रूप, भाषाएं अनेक
जान है प्यारा हिंदुस्तान
भारत देश मेरी पहचान

— आसिया फारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र