भारतीय लोकतंत्र काफी आगे बढ़ चुका है। कुर्सी प्रधान राजनीति में कुर्सी की खींचतान जारी है। कुर्सी का सपना देखना हर भारतीय टोपीधारी का जन्मसिद्ध अधिकार है। कुर्सी के प्यार में अंधे प्रेमियों को कुछ नहीं दिखता। वे हर हालात में कुर्सी को हथियाने के लिए उत्सुक नजर आते हैं। कुर्सी का इतिहास बताता है […]
Author: देवेन्द्रराज सुथार
सृष्टि के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा
शिल्प, वास्तुकला, चित्रकला, काष्ठकला, मूर्तिकला और न जाने कितनी कलाओं के जनक भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का आर्किटेक्ट व देवशिल्पी कहा जाता है। हम उन्हें दुनिया के प्रथम आर्किटेक्ट और इंजीनियर भी कह सकते हैं। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार देवताओं के लिए भवनों, महलों, रथों व बहुमूल्य आभूषण इत्यादि का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ही करते […]
व्यंग्य – वैलेंटाइन्स डे की वायु
आज दुनिया ‘शॉर्टकट के सिद्धांत’ पर चल रही है। दिनोंदिन व्यस्त होते लोगों को कतार में खड़े रहना पसंद नहीं हैं। कतार के अंत में खड़ा व्यक्ति भी ‘विटामिन एम’ और ‘शॉर्टकट के सिद्धांत’ के सफल गठबंधन के तहत अपना काम सबसे पहले करवाने की योग्यता रखता है। महंगाई के बढ़ते दौर में इंसान की […]
सुथार मधुशाला काव्य गौरव सम्मान से सम्मानित
राजस्थान के देवेंद्रराज सुथार को साहित्य के क्षेत्र में भागीदारी निभाने व हिन्दी साहित्य के विकास एवं प्रचार-प्रसार में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए मधुशाला साहित्यिक परिवार उदयपुर के द्वारा मधुशाला काव्य गौरव सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया। सोमवार रात्रि 8 बजे आयोजित हुए ऑनलाइन सम्मान समारोह में देशभर की कुल 160 साहित्यिक […]
नवल चाह, नवल राह, जीवन का नव प्रवाह
बेंजामिन फ्रैंकलिन का कथन है – बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। समय का इंतजार इंसान तो कर सकता है लेकिन समय इंसान का इंतजार नहीं कर सकता। समय का प्रवाह अविरल है। इंसान के पास धरती पर रहने के लिए सीमित समय है। यह इंसान के विवेक और बुद्धि पर निर्भर करता है […]
हुज़ूर ! सर्दी के भी कई फायदे हैं
सर्दी का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। दिन भी ठंडा है और रात भी ठंडी है। इस ठिठुरन से लोकतंत्र ठिठुर रहा है। नेता ठिठुर रहे हैं, जनता ठिठुर रही है, जानवर ठिठुर रहे हैं। ठिठुरन के मारे रजाई से बाहर निकलने का मन ही नहीं कर रहा है। सुबह उठते ही सीधी […]
लुप्त होने के कगार पर कठपुतली और ऊंट
‘बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां उठेगा, कोई नहीं जानता।’ हिंदी फिल्म का यह संवाद जीवन का यथार्थ बयां करता है। दुनियादारी के रंगमंच पर थिरकती मानव रूपी कठपुतलियों की डोर कब, किस समय उठेगी यह कह पाना मुश्किल है। लेकिन […]
रे नरभक्षियों !
रे नरभक्षियों ! तुम्हारी वज़ह से आज फिर मानवता शर्मसार हुई तुम्हारी हैवानियत ने आज फिर एक माँ की कोख को कलंकित कर दिया। रे नरभक्षियों ! तुमने अपने दुष्कर्मी नाखूनों से खरोंच दिया ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ वाले भारत माँ के पवित्र शील को तुम्हारें पापी मंसूबों ने दागदार कर दिया ममता […]
पोर्नोग्राफी पर लगे पाबंदी
समाज में जब भी कोई दुष्कर्म की लोमहर्षक घटना प्रकाश में आती है तो उसके लिए कठोर सजा के प्रावधान की वकालत होनी शुरू हो जाती है। हालांकि केंद्र सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने वालों को मौत की सजा देने का अध्यादेश पारित किया है। साथ ही इसमें […]
जानलेवा बनता जवानों में बढ़ता तनाव
हाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित आईटीबीपी कैंप में एक जवान द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग से 6 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई और 2 जवान घायल हो गए। फायरिंग करने वाले जवान का नाम मोसुद्दुल रहमान था। जिसने बाद में खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली। […]