गज़ल
कुछ खर्च किये के कुछ सहेज लिये हम ने। तेरी चाहत में जो भी पल सौंपे थे मौसम ने। मेरी
Read Moreरूठ गए बदरा दिन फुहारों में गुजरा। फूल न थे, जीवन फकत खारों में गुजरा। कभी कभी अपने गाँव की
Read Moreगुलशन में गुल खिलेंगे, जब तुम आओगे। बन के साथी संग चलेंगे, जब तुम आओगे। ये असर होगा एक दिन
Read Moreकुछ खर्च किये के कुछ सहेज लिये हम ने। तेरी चाहत में जो भी पल सौंपे थे मौसम ने। मेरी
Read Moreउधेडबुन अच्छी नही, जख्मों को सी लो। जिन्दगी के छोटे छोटे लम्हों को जी लो। सपने सच होंगे,मगर शर्त है,
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