ग़ज़ल
जाने क्यूँ रूठा सा है मौसम इन दिनों। तुम बिन तंहा सा है मौसम इन दिनों। ये झेंपता है कभी,नजरें
Read Moreकही प्यासी धरती रोती, कही समंदर रोता है। कोई बना देवता, कही राह का पत्थर रोता है। आज भी सूनी
Read Moreबहुत खूबसूरत है वो,कह नहीं पाउँगा। जिंदगी की जरूरत है वो,कह नही पाउँगा। मैंनें अपने मन मंदिर में उसे सजा
Read Moreदो पल सपनों के पनघट पे ठहरा करो। पलकों की मुंडेरों से,अंतर्मन में झाँका करो। बहुत प्यासे है हम प्यार
Read Moreरूठ गए बदरा दिन फुहारों में गुजरा। फूल न थे,जीवन फकत खारों में गुजरा। कभी कभी अपने गाँव की भी
Read Moreठहरी जिंदगी में आए, तुम बनके सुखद स्पंदन। बबूल से कटीले पल, हो गए चंदन चंदन। तुमने प्यार से दस्तक
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