ढाई आखर प्रेम के
ढाई अक्षर का शब्द होता प्रेम। कितना पवित्र शब्द होता प्रेम।। समर्पण की परिभाषा बनता। सागर से भी गहरा होता
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Read Moreबोर्ड परीक्षा आते ही अतुल की तबियत खराब हो जाती है। उसका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। कभी कभी तेज
Read Moreसुरक्षित हो अब तो नारी इसका पुख्ता काम करो जो भी करे कुकृत्य इनसे तुरन्त सजा उनको करो मुक्त विचरण
Read Moreराम मन्दिर मन को बना लो सब फसाद मिट जाएंगे काम क्रोध मद लोभ ये विकार छोड़ दो मन मन्दिर
Read Moreअपना देश महान है,कहते सारे लोग। दुख सुख में साथी सभी, करते सारे भोग।। किसान मेरे देश के, करते हाहाकार।
Read Moreगरल सुधा बन जाता है जब मीरा सी हो भक्ति। अभय हो जाता नर जब हो निष्काम कर्म शक्ति।। अगणित
Read Moreसभ्यता समाज के सकारात्मक प्रगतिशील और समावेशी विकास को इंगित करने के लिए किया जाता है। सभ्यता के अंतर्गत उन्नत
Read Moreहज़ार वादे झूँठ है एक सच के सामने। जैसे इंसान खड़ा हो आईने के सामने।। बेमतलब के झगड़े होते आमने
Read Moreदर्पण भी यूँ झूँठ बोलने लगा। नकली को भी सच बताने लगा।। चेहरा आया सामने जो उसके। देख कर उससे
Read Moreदीप जले सदभाव के ऐसी ये दीवाली हो। घर घर रोशन हो सारे ऐसी ये दीवाली हो।। शिक्षा के आलोक
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