क्या आप इस पोस्ट के साथ प्रेषित #चित्र_का_अर्थ जानते हैं…? अगर नहीं…..!! तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ कर आप अवश्य जान जाएंगे। कोरोना वायरस के भारत में पैर पसारते ही लॉक डॉउन के चलते ढेरों मजदूर जो अपने घरों से दूर दूसरे देशों ,राज्यों, शहरों में थे अपने घरों को वापस आने को छटपटाने […]
Author: शिप्रा खरे
मां तुमसे ही जाना
मां, मैंने तुमसे ही जाना चलना फिरना पीना खाना दुनिया का ताना-बाना मां मैंने तुमसे ही जाना हारी बाजी टूटे सपने विपदाएं और झूठे अपने निर्मल मन से अपनाना मां मैंने तुमसे ही जाना अंजान जहां जब था सारा रात अंधेरी एक ना तारा ऐसे में दीपक बन जाना मां मैंने तुमसे ही जाना कीट […]
अपर्यय
आज किसी की जगह ली है तुमने कल तुम्हारी जगह कोई और लेगा पेड़ शोक नहीं मानता है पतझड़ का बल्कि खिला लेता है कोंपलों को और झड़े हुए सूखे पत्ते बटोर कर कोई ना कोई माली जला ही देता है राख मिट्टी, हवा, पानी में मिल जाती है जिसके कहीं निशान नहीं रह जाते […]
किताबों की ओर
“अभी आग है बाकी मुझमे पूरा नहीं जला हूँ मैं बह चला हूँ मैं पानी में पूरा नहीं घुला हूँ मैं” सालों से बच्चों को पढ़ाते हुए जो अनुभव मुझे प्राप्त हुए उनके आधार पर कुछ साझा करने की इच्छा हो रही है। इंटरनेट की दुनिया में हमारे सामने ज्ञान के भण्डार खुल गए हैं। […]
भारत का पाक जल प्रहार
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 1960 की सिंधु जल संधि को लेकर बड़ी बात कही है। गडकरी ने कहा कि “भारत के अधिकार वाली रावी, सतलुज, व्यास तीनों नदियों का पानी अब पाकिस्तान को को नहीं जाने दिया जाएगा। तीन प्रोजेक्ट तैयार कर इस पानी को यमुना तक लाया जाएगा। इटावा, […]
यतीश ने तोड़ दिया नेपाल के अनंता के सी का विश्व रिकॉर्ड
9 जनवरी 2019 दिन के 10 बजकर 30 मिनट को जिला लखीमपुर खीरी के ग्राम रेहरीया निवासी यतीश चन्द्र शुक्ल ने “लॉन्गेस्ट स्पीच मैराथन” के अनंता के सी के 90 घंटे 2 मिनट के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा और 10 जनवरी की प्रातः 106 घंटे का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। यतीश ने यह विश्व रिकॉर्ड […]
अलाव
नहीं पिघला अब तक कभी मेरी आंखों में जलता पारदर्शी अलाव जहां छुपी है ख्वाहिश कुछ कर गुज़र कर जी जान से मर मिटने की चिंगारी बनी रहती है जिसमें कि राख होना फितरत नहीं नहीं उठता क्रंदन कभी डटा रहता है जज़्बा जहां होने को कुंदन कोई – शिप्रा खरे
हमको मन की शक्ति देना…
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाजशास्त्र की इस मान्य अवधारणा के अनेकोनेक विश्लेषण किए गए। सबसे पहले हमको समाज में कैसे रहना चाहिए ये सब तय किया गया। हम प्राणियों ने कुछ नियम कायदे कानून अपनी सुविधानुसार बनाए । समय बदला और समय के अनुसार अपनी सुविधानुसार फ़िर बदलाव आते रहे रहन सहन, पहनावे और […]
ग़ज़ल
मैं अपनो को दिए कर्ज नहीं गिनाती निभाती हूं रिश्ता मैं फर्ज़ नहीं गिनाती . बहाया है मैंने खून पसीना बहुत सा ज़िन्दगी पर गुज़रा मैं हर्ज़ नहीं गिनाती . गुज़ारी हैं जो रातें परवाह में मैंने उन टूटी नींदों के मैं गरज नहीं गिनाती . कांधे पर सर रखकर रोए थे कभी जो उन […]
अनूप जलोटा जी पर बहस
आजकल अनूप जलोटा जी को लेकर एक नई बहस चल रही है सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर…. कई दिनों से पढ़ रही हूं बुद्धिजीवियों को लेकिन मैं अल्पबुद्धि समझ नहीं पा रही हूं। अजब अजब से विचार और टिप्पणियों ने मुझे भी कुछ लिखने पर मजबूर कर दिया। धन्य हैं यह टिप्पणीकार और धन्यवाद है इनको । बहुत […]