~कृपा बरसा जाना~
धर्म विरुद्ध कभी ना चले हम
मैया तू सदा मार्गदर्शन करती रहना
मैया हम तो तेरी ही संतान हैं
हम पर सदा अपनी नजर बनाये रखना
माना मानुष तन में रह खुद पर
कभी गर्व कर कभी इठला जाते हैं
तू तो सर्वव्यापी सर्वशक्तिशाली हो मैया
हम नादाँ कमजोर अज्ञानी है मैया
तू बस नादान बालक समझ अपना
हमको क्षमा कर अपना बना लेना
भटक गये जो सत्कर्मो से अपने हम
हमें सच्ची राह अवश्य ही दिखा जाना
मैया तू अपनी कृपा हम सब पर
इस बार अवश्य ही बरसा जाना|
…सविता मिश्रा
जय माता दी ….
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अच्छी कविता. जय माता दी !
शुक्रिया भैया …सादर नमस्ते