मुक्तक
तेरे धैर्य के आगे नत हूँ माँ
दुःख तो तूने सहे मैं पस्त हूँ माँ
तेरी बराबरी नही कर सकती
तू सागर मैं नदी का तट हूँ माँ
शान्ति पुरोहित
तेरे धैर्य के आगे नत हूँ माँ
दुःख तो तूने सहे मैं पस्त हूँ माँ
तेरी बराबरी नही कर सकती
तू सागर मैं नदी का तट हूँ माँ
शान्ति पुरोहित
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बहुत सुन्दर लिखती हैं आप …मंगलकामनाएँ …बाकी मुक्तक भी पडूँगा …