पूजक भूखा, हत्यारे को इनाम ! वाह रे धर्म !!
हाजी याकूब कुरैशी को अब सजा हो या न हो लेकिन उसने जो इनाम का सिलसिला शुरू किया उससे हर मुस्लिम ये सोचने पर मजबूर हो जाएगा की क्या वो इस्लाम से वफादारी साबित करने के लिए ,खुदा के और करीब जाने के लिए ऐसे ही दुनियाभर के इशनिंदको को ढूंढता फिरे ताकि अगर उसकी याकूब कुरैशी जैसी हैसियत हो तो वो भी उस इशनिंदको की हत्या के लिए इनाम की घोषणा कर सके ! या फिर हैसियत न होने पर ऐसे ही किसी के लिए रसूल का आशिक बन इशनिंदकों की हत्या करे ?
क्यों की आज तक जो वो बिना किसी हैसियत के भी खुदा की ईमान से इबादत करता आया है, उसके लिए तो कभी किसी ने उसे रसूल का आशिक नहीं कहा और न ही किसी ने खुदा की बंदगी के लिए इतनी बड़ी राशि के इनाम का उसे हकदार समझा !
क्यों भाई ? जब एक इशनिंदक के हत्यारे को इतना बड़ा इनाम मिल सकता है तो फिर एक पूजक को क्यों नहीं ? आजीवन ईमानदारी से खुदा की बंदगी करने वाले की वफादारी में ,इबादत में,बंदगी में ,इस्लामियत में ऐसी क्या कमी रह जाती है जो उसे एक इशनिंदक के हत्यारे के वफादारी,बंदगी,इबादत और इस्लामियत के बराबर का नहीं मानती ?
फिर मुहम्मद पैगम्बर के निंदक की हत्या के लिए इनाम रखने वालों ने ,किसी सच्चे मुसलमान के लिए कभी किसी इनाम की घोषणा क्यों नहीं की ? या फिर ऐसा पैमाना तय क्यों नहीं किया की जिससे उसकी इस्लाम और खुदा के लिए बंदगी निंदक की हत्यारे के बराबर की साबित हो और उस पैमाने पर खरा उतरने वाले को 51 करोड़ जैसी इनाम की बड़ी रकम अदा हो ?
अगर ऐसा होता तो याकूब कुरैशी के 51 करोड़ 2006 से लेकर आज तक यूँ सड़ते नहीं रहते ! और याकूब कुरैशी अब भी वास्तव में किसी रसूल के आशिक को पुरस्कृत करना चाहते हैं तो भविष्य में ऐसे पुरस्कार के दावेदारी के लिए किसी कायर हत्यारों का आजीवन इन्तजार करने की जगह वो सिर्फ एकबार भी एक ईमानदार ईश पूजक रहमदिल मुसलमान की दावेदारी को भी स्वीकारने की घोषणा करें तो एक हिन्दू होकर भी मुझे विश्वास है ऐसे 51 करोड़ उसको रोज देने पड़ जाएंगे !
और ये मैं केवल और केवल इसलिए कह पा रहा हूँ और जिन मुसलमानो के लिए कह पा रहा हूँ ,क्यूँ की मैं और वो मुसलमान दोनों भारत में रहते हैं ! लेकिन यही दावा मैं अगर पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी इस्लामिक राष्ट्र में रह रहा होता और मुसलमान भी होता तो भी यक़ीनन नहीं कर पाता ! ऐसा क्यों यह पेशावर और सीरिया को देखने वाले जान गए होंगे ! दुनिया के नक़्शे पर इतने इस्लामिक राष्ट्रों के होते हुवे अगर उनके मुस्लिम शासक और मुस्लिम नागरिकों की संख्या के सामने मुठ्ठीभर होनेवाले आतंकवादीयों को अगर वो काबू में नहीं रख सकते तो इसका मतलब साफ़ है उन इस्लामिक राष्ट्रों में भी इशपूजकों की जगह इशनिंदको के लिए इनाम देनेवाले ही रहते हैं !
और जब भारत जैसे देश में भी याकूब कुरैशी जैसे लोग वही कर रहें हैं तो हमेशा की तरह हर बात को सकारात्मक ढंग से लेने वाले हमलोग इसके लिए भी कुरैशी को धन्यवाद देंगे की इस तरह के इनाम की शुरुवात तो की ! बस हमें इतना परिवर्तन करना है की अब अपने अपने धर्म और धर्म के लोगों को तन मन धन और प्राणों से भी प्रिय मानने वाले धार्मिक लोग अब ऐसे इनामो की घोषणा अपने अपने धर्म के उन लोगो के लिए घोषित करें जो आजीवन भूखा रहकर भी अपने धर्म से टस से मस नहीं होता ! वो मर जाता है लेकिन अपने धर्म की हर अच्छाई किसी कीमत पे नहीं छोड़ता !
क्या नहीं है ऐसे धर्मनिष्ठ लोग ? बिलकुल है ! आपके आस पास ही हैं ! क्यों की ऐसे लोग हैं केवल इसीलिए अब तक वो धर्म बचे हैं ! और उन धर्मो की श्रेष्ठता को लेकर लड़ने वाले हम और आप बचे हैं ! अगर ये न होते और सिर्फ वो हत्यारे होते जिनके लिए कुरैशी जैसे लोग इनाम रखते हैं ,उनके आतंकवाद को जाने अनजाने सपोर्ट करते हैं तो हमारी तुम्हारी तो छोड़िये क्या ये धरती भी अपनी इस उम्र तक पहुँच पाती ?
मेरी बातों से जरा सी भी किसी को मिर्च लगी हो तो आशा करता हूँ की अब किसी अल्लाह के बन्दे को मैं रास्तों पर भीख मांगता ,किसी रकम का सवाल रखता हुवा नहीं देखूंगा !
करारा लेख है , मज़ा आ गिया पड़ के .
आपने अच्छे सवाल उठाये हैं. खुदा के किसी बन्दे के पास इनके जबाब नहीं होंगे.