ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
लमो-लमो करने लगा, पूरा भारत देश।
लेकिन वो आते नहीं, जाकर बसे विदेश।
जाकर बसे विदेश, न जाने डर किसका।
सजन हैं कोतवाल, इलाका सारा उसका।
कह ‘पूतू’ कविराय, लगी है नानी मरने।
कैसे हैं खामोश, लगे लमो-लमो करने॥
पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’
अच्छी कुंडली।