कविता

***** जिन्दगी हर पल रूप बदलती है ****

ज़िन्दगी सदा हसीन और सदा ग़मगीन नहीं होती !

नदी सदा के लिए समुन्द्र में लीन नहीं होती !!

 

बनकर भाप जब वो आसमां में जा ठहरती है !

सदा के लिए वो, बादल में तब्दील नहीं होती !!

 

 बादल से बन बूंदें वो, फिर धरती पर बरसती है !

फिर से नदी समुन्द्र से, मिलने को तरसती है !!

 

तडपते – भटकते राह की, रुकावटें सहते – सहते !

अपनी राह बनाकर वो, समुन्द्र से जा मिलती है !!

 

पर ज़िन्दगी रूकती नहीं,फिर अपना रूप बदलती है !

और वो नदी भाप बनकर, फिर से बादल बनती है !!

 

परिवर्तन ही है ज़िन्दगी, जो हर पल में बदलती !

प्रकृति के प्रत्येक रूप से,सीख हमें यही मिलती है !!

शशि शर्मा 'ख़ुशी'

नाम- शशि शर्मा 'खुशी'...जन्मतारीख - 6/6/1970 .... जन्म स्थान- सिलारपुर (हरियाणा) व्यवसाय - हाऊसवाईफ मूल निवास स्थान हनुमानगढ (राजस्थान) है | पतिदेव श्री अरूण शर्मा, की जॉब ट्रांसफरेबल है सो स्थान बदलता रहता है | पढने का बेहद शौक है,,,, अब लेखन भी शुरू कर दिया है | कुछ विविध पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कवितायें प्रकाशित हो चुकी हैं |

2 thoughts on “***** जिन्दगी हर पल रूप बदलती है ****

  • वैभव दुबे "विशेष"

    बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ख़ुशी जी

    • शशि शर्मा 'ख़ुशी'

      हार्दिक आभार सराहना के लिये |

Comments are closed.