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भारतीय धरोहर को रक्षा कवच की जरूरत-तरूण विजय

लखनऊ,28 अगस्त (हि.स.)। भारतीय धरोहर को रक्षा कवच की जरूरत है। आज वह रक्षा सूत्र मांग रही है। भारत की सीमाएं असुरक्षित हैं। हमारा देश दो परमाणु ताकतों से आक्रान्त है। दोनों भारत में किसी न किसी रूप में आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं। विदेशी धन और विदेशी मन का नतीजा है कि आज नक्सलवाद बढ़ रहा है। रक्षाबंधन उत्सव इन सभी चीजों का रक्षा कवच है। यह बातें भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने कही। वह शुक्रवार को सरस्वती कुंज निरालानगर में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि यह वह देश है जब आज से दो हजार साल पहले दुनिया के अन्य देशों के लोग जंगलों में रहते थे उस समय तक्षशिला विश्वविद्यालय में 30 लाख हस्तलिखित पुस्तकें थी। यह हजारों वर्ष पुरानी हमारी ज्ञान साधना का प्रतीक है।
तरूण विजय ने कहा कि जाति के आधार पर हिन्दुओं का विभाजन कलंक है। जिनको आज अस्पृश्य कहा जा रहा है वह सामंत,सिसोदिया चैहान थे। मैला ढ़ोने की प्रथा भारत में कभी नहीं रही। युद्ध में जो हार गये उनसे कहा गया इस्लाम कबूल करो या मैला ढोने का काम करो। उन्होंने अधरों से राम को छोड़ा नहीं,हृदय से धर्म को छोड़ा नहीं।
तरूण विजय ने कहा कि जो समाज दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देता है आज वह अपने ही समाज के लोगों को अस्पृश्य कह रहा है। अस्पृश्य करना है तो कुरीतियों को बाहर करो। उन्होंने कहा कि जाति के विरूद्ध लड़ते हुए समरसता की भावना पुष्ट करना ही रक्षाबंधन का संदेश है।
भाजपा नेता ने कहा कि आज भारतीय भूषा और चिति पर आक्रमण हो रहा है। घरों से हिन्दी गायब हो रही है। मणिपुर में हिन्दी प्रतिबंधित है। वहां कोई हिन्दी साहित्य नहीं रख सकता। यह भारत में हो रहा है। हिन्दी भाषा के अखबारों में किलिष्टता के नाम पर अंगेजी रखी जा रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए तरूण विजय ने कहा कि आज शक्ति के पुनः जागरण की आवश्यकता है। आज हमें प्रबल प्रतापी आंतक विहीन,सबल शसक्त समृद्ध भारत का निर्माण करना है।

स्वतंत्रता के बाद अकेला भारत देश ऐसा है जिसके नागरिकों को तिरंगे के प्रति प्रतिबद्धता के कारण देश से निकाला गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने की। इस अवसर पर प्रान्त संघचालक प्रभुनारायण श्रीवास्तव, विभाग संघचालक जय कृष्ण सिन्हा,संघ के वरिष्ठ प्रचारक ओम प्रकाश, विहिप के केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम नारायण सिंह, प्रान्त प्रचारक संजय, सह प्रान्त प्रचारक रमेश और विभाग कार्यवाह प्रशान्त भाटिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन

बृज नन्दन यादव

संवाददाता, हिंदुस्थान समाचार

One thought on “भारतीय धरोहर को रक्षा कवच की जरूरत-तरूण विजय

  • Man Mohan Kumar Arya

    श्री तरुण विजय जी के विचार प्रशंसनीय हैं। साधुवाद।

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