दोहों में नववर्ष की सरगम
गीतों की सरगम लिए , झूम रहा नव साल ।
पायलों की छमछम पे , थिरके बूढ़े – बाल । 1
हमसफ़र बन के आया , जहान में नववर्ष ।
जश्न में डूब बाल – जन , दिलों में लाय हर्ष । 2
दिल से निकली दुआएं , इबादत करें हाथ ।
फले – फूलेे हर कोई , वैर रहे ना साथ । 3
खुशहाली के कमल से , खिल जाए मन झील ।
विश्वासी कील पे हो , खुशियों की कंदील । 4
एक जनवरी आ गई , जग हो रहा निहाल ।
पर्व का कारवां चला , खुशियाँ मले गुलाल । 5
हम सब का हो गया है , सुहाना नया साल ।
एक दूजे गले लगे , पूछ रहे सब हाल । 6
ओढ़ भू हरी चुनरिया , पहन पीत परिधान ।
भेंट लाया नया वर्ष, नील व्योम का थान । 7
कूँची , रंग , कलम लिए , आया है नवसाल ।
सृजन की रेखाओं से , गढ़ो काव्य कमाल ।
खिलाने आय नव वर्ष , जन – जग का सौभाग्य ।
ना लाना आँधी , आग , भूकंपी दुर्भाग्य । 9
नववर्ष की ख़ुशियों में , नभ से उतरी भोर ।
बरसा रही आशीषें , धरा पे चहुँ ओर । 10
— मंजु गुप्ता