कविता

दोहा मुक्तकK

सादर सुप्रभात आदरणीय मित्रों, आज एक चित्र अभिव्यक्ति आप सभी को सादर निवेदित है……..
“दोहा मुक्तक”

पारिजात का पुष्प यह, खिली कली मुसकाय
देवलोक की सुंदरता, निरखि हृदय ललचाय
अति पवित्र अति सादगी, अति सुगंध आकार
अतिशय कोमल रूप-रंग, शोभा बरनि कि जाय॥

महातम मिश्रFB_IMG_1454701892680

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

2 thoughts on “दोहा मुक्तकK

  • लीला तिवानी

    प्रिय महातम भाई जी, सुंदर प्रस्तुति.

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीया बहन लीला जी, आभार

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