गज़ल : गुबार मेरे
जब अपना कोई होता नहीं, इर्द गिर्द यार मेरे पहुँच जाता हूँ गाँव अपने, दूर रख गुबार मेरे उठा लाता
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Read Moreआधुनिक नारी आधुनिक नारी यह तो है सब पे भारी। कोई न पाए पार ऐसी इसमें होशियारी। जीवन इसका व्यस्त
Read Moreओ३म् श्री दयाल मुनि आर्य महर्षि दयानन्द की जन्म भूमि टंकारा में जन्में हैं और वहीं निवास करते हैं। 28
Read Moreदेश को दिल और मेरी जान लिख। मैं हिन्दुस्तानी हूं यही पहचान लिख॥ दिल में धडकता है तिरंगा रात दिन।
Read Moreदिल का चैन अंखियों की नींद ले गया कोई। बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई॥ धडकनें रुकी
Read Moreहोली तो बहाना है, रंगों के बहाने से हमें यार मनाना है। आ आके गले लग जा, इस होली में
Read Moreशादी के बाद की थी उसकी पहली होली देवर के दोस्तों ने चाही करनी ठिठोली तैयारी पूरी कर लगाये थे
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