संसार में ईश्वर और धर्म एक हैं
ओ३म् क्या ईश्वर और धर्म आज भी प्रासंगिक हैं अथवा यह बातें मध्यकालीन अज्ञान व अन्धविश्वास पर आधारित हैं? संसार
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Read Moreरंग लगाने के बहाने पड़ोसन का हाथ जो पकड़ा बीबी का फिर यारो गाल पर पड़ा मुक्का तगड़ा हाल न
Read Moreअप्सरा सी सजी है सुन्दरी कर सोलह श्रृंगार है खडी देह को वर्ण है गौर बड़ी लुभावनी सी लगी गले
Read Moreझूठ न बोले दर्पण हर सच्चाई को उगले औकात हरेक को दिखाए निहारो रूप जब -जब तुम दर्पण में रहस्य
Read Moreमोहत रहत मो कूँ चहत, मुड़ि मुड़ि तकत चित रिझावत; होली पे कान्हा खिजावत, वाँशी बजा ढ़िंग बुलावत ! मन
Read Moreक्यों छोड़ दें हम अपने जीने का अंदाज । क्या है हमारे पास इस अंदाज के सिवा। क्यों छोड़ दें
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