दिले-नादां तुझे समझाऊं कैसे
दिले-नादां तुझे समझाऊं कैसे
गमों के दौर में मुस्कुराऊं कैसे
नगमा -ए-जिंदगी गाना है मुझे
बिन साज़ मगर गुनगुनाऊं कैसे
रूठा है मुझसे आसमां भी आज
तू ही बता इसे मनाऊं कैसे
आंधियों -तूफानों का समां है
बुझते दिये को जलाऊं कैसे
मुश्किल है समझना जिंदगी को
समझा नहीं, तुम्हें बताऊं कैसे