हरियाली (विरह )
गीत
सावन बैरी याद पिया की दिलाये रे,
लहरा हरियाली गले से लिपट जाये रे|
मोरा पिया बम्बई में कमाये ,
होली दिवाली खाली दरस दिखावे,
ऐसन कमाई के आग लग जाये रे |…
लहरा हरियाली गले से लिपट जाये रे|
रिमझिम बरसे मोरी अखियाँ बरसे,
दरस को अखियाँ पिया मोरी तरसावे,
हरियाली ओट अगन से जर जाये रे|..
लहरा हरियाली गले से लिपट जाये रे|….
सावन बैरी याद पिया की दिलाये रे,
लहरा हरियाली गले से लिपट जाये रे|……………
©®✍……………मनोज “मौन”