कविता

कविता – पगली

प्यार ने तेरे जिंदगी से पहचान कराई है ,

घिरते तुफान से बचा कर तु लाई  है ,

बस खुदा इतना करम कर देना मुझ पर ,

बुझे ना समा वह जो तेरे प्यार ने जलाई है ।

 

साया तुम्हारे प्यार का हमेशा मेरे साथ रहती है ,

मेरे खयालो में आप की ही छाया रहती है  ,

दुर हुआ आप से क्या हुआ मेरी पगली  ,

मेरे सांसे की गहराई में तो बस आप ही बस्ती है।

 

मेरे लिए चांद की चांदनी की तरह हो आप  ,

मेरे लिए गुलाब की खुशबू की तरह हो आप  ,

दिल का तोहफ़ा दुं या चांद तारे दू प्यारी पगली को  ,

कयोकि मेरी जिने की वजह हो आप ।

 

मैं हर दुआं में मांगता हु आपको  ,

प्यार से भरी ज़िन्दगी मिले आपको  ,

किसी दिन तारे टुंटा तो मांगुगा आपको  ,

सारी जिंदगी दुगां खुशीया आपको ।

 

जिंदगी भी नाम कर दुं तो कम होगा आपके लिए  ,

जो भी करूंगा जिंदगी में कम होगा आप के लिए  ,

सोचता हु कभी कभी क्या करू आपके लिए  ,

बार बार जन्म लेना पड़ेगा कर्ज ऊतारने के लिए ।

 

— अखिलेश कुमार यादव

अखिलेश कुमार यादव

ग्राम - बरारी शितला स्थान ,बर्निंग घाट रोड पोस्ट - बरारी भागलपुर ,812003

One thought on “कविता – पगली

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर भावाभिव्यक्ति

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