गीतिका/ग़ज़ल

जरूरी तो नहीं

हम आऐं वो मिल जाऐं ये जरुरी तो नही
हर बात आपको बताऐं ये जरुरी तो नहीं!
खूबसूरत हो तुम, माहताब सा चेहरा हो,
हम चांद कहके बुलाऐं, ये ज़रूरी तो नहीं!
ज़माने के ग़मों को ज़हन में बिठा रखा है,
फिर भी हम मुस्कुराऐं, ये ज़रूरी तो नहीं!
चलते है कदम बढ़ाते है एक सपना है
हम मुशिबतो से घबराऐं ये जरुरी तो नहीं!
चाहते है तुझको दुनिया को बता देंगे हम
हम तुझे कभी भूल पाऐं ये जरूरी तो नहीं!
राह में अपनी हर कदम पर कांटें हैं,
यूं हार कर बैठ जाऐं, ये जरूरी तो नहीं!
ये दुनिया मतलबी है, स्वार्थी है लोग नन्हाकवि
झूठ का मुखोटा सब लगाऐं, ये जरुरी तो नहीं!
-शिवेश अग्रवाल ”नन्हाकवि”

शिवेश हरसूदी

खिरकिया, जिला हरदा (म.प्र.) मो. 8109087918, 7999030310