बंधन
हर बंधन शुरू होता सांसों से खत्म भी होता साँसों का ही फैला रखा जो जाल उलझा मैं हूँ मजाल
Read Moreखुल जाती है नित्य नींद एक, नया सबेरा लेकर अरमानों के विस्तर पर इक, नया बसेरा लेकर चल देते हैं
Read More(15 अगस्त के दिन आज़ादी स्वयं इस देश से क्या कहना चाहती है? उसी आज़ादी की आत्म भाषा को बयां
Read Moreओ३म् आजकल देश, समाज और विश्व में निजी व संगठित हिंसा व अपराध बढ़ रहे हैं। इन हिंसा व अपराधों
Read Moreमुझे मरने से डर नहीं लगता क्योंकि मैं बहुत बहादुर हूँ पर जब भी लगता है कि मैं मर भी
Read Moreखुदा भी येे कैसी इन्तिहा चाहता है मरे को कितना मारना चाहता है मुकद्दर में है जिंदगी भर का अंधेरा
Read Moreभैया सुनो! आज भी मेरे लिए अनमोल हो तुम। आज भी मन तरसता है तुम्हारे साथ को तुम्हारी एक बात
Read Moreबैठो मत उदास सखे, हर्षित राखी आज बहनों का आशीष है, थाली कंकू साज थाली कंकू साज, कलाई धर दे
Read Moreलोग कहते हैं नदियों में सलाब आया है मैंने तो डूबती आँखों में बहाव पाया है गिरते घर खड़े पेड़ों
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