कविता : अशान्त मन
द्वेषाग्नि में जलता हुआ, हर वक्त चिंता, तनाव में रहता है, जो न मिला उसका गम है, जो मिला वो
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Read Moreपूर्वकथा सार : हम लोग कुछ मित्र मुंबई से जम्मू माता वैष्णो देवी के दर्शन हेतु ट्रेन से सफ़र करते हुए
Read Moreहमारा हिन्दुस्तान,प्यारा हिन्दुस्तान देश के खातिर हो जरुरत,हो जायें कुर्बान हमारा हिन्दुस्तान,प्यारा हिन्दुस्तान…… मूल्ला-पंडित की छोड़ें बातें,मन से
Read Moreले रंग-गुलाबी उड़ा रहे हैं इधर……॥ ••••••••••••••••••••••••••••• मौज मस्ती का गूँजे तराना इधर। लोग बना रहे है अफसाना इधर। उमंग
Read More(मात्रा-भार, 17) दरपन को झरोखा बनने दो हर झील में पुष्प सँवरने दो मत देख रे भौंरें की सूरत अन्तर्मना
Read Moreआज जंगल में अखबार आया है, समाचार पढ़ कर जंगल में मातम छाया है— जंगल का हर जानवर जैसे इंसान
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