हिन्दी फैल रही दुनिया में -लाल बिहारी लाल
हिन्दी फैल रही दुनिया में
*लाल बिहारी लाल
हिन्दी हिन्दुस्तान की, रही नहीं अब भाषा
फैल रही है दुनिया में, बन जन-जन की आशा
हिन्दी हिन्दुस्तान की रही……..
आजादी में फर्ज निभाया, बनके जैसे फौजी
दसों दिशा के लोग बने, थे अजब मनमौजी
बनी देश की भाषा यह दुनिया की अभिलाषा
हिन्दी हिन्दुस्तान की रही…………
दुनिया में हिन्दी विना, सब कुछ है अधूरा
बिदेशी कंपनिया अब, ध्यान दे रही है पूरा
हिन्दी बेहतर हो रही पहले से यह भाषा
हिन्दी हिन्दुस्तान की रही…………
आर्यों–अनार्यों से चली, प्राकृत औऱ पाली
तत्सम,तदभव,देशज से बनी यह शक्तिशाली
युगों–युगों में लिपि निखरी निखरी यह भाषा
हिन्दी हिन्दुस्तान की रही……..
रौशन हो रही है हिन्दी, एशिया और जहान में
इसे ‘लाल’ संग और बढाओं पूरे इस जहान में
बुजुर्गों की शान रही है य़ुवाओं की अब आशा
हिन्दी हिन्दुस्तान की रही…………….