कविता

घौंसला

घौंसला हौंसले से बनाया करते है पंछी

धूप से बारिश के पानी से दुश्मनों से

बचने का पुख्ता उपाय करते हैं पंछी

बंदर बिल्ली बिलों

का भय से घबराहट नहीं होती

उसे पता है

पल में घौंसला हौसला बरबाद होंगे

वह समझता जानता है पंछी

आज मेरा तो कल उनका है

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक