क्षणिका

दो क्षणिकाएं

1- अवसर

अवसर सबको मिलता है

लेकिन हमारी चूक भूल

अज्ञान संगत के कारण

अवसर

हाथ से फिसल जाता है।

 

2- अपमान

आप कोई पार्टी में है

आपका अपमान हो रहा हो तो

अपने पक्ष के साथियों को साथ लेकर

सामूहिक त्यागपत्र तत्तकाल दे दें

देश के हित में होगा ।    

— अनिल कुमार सोनी, पत्रकार

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक