मनमोहन की बांसुरी, राधे कर शृंगार
सोल कला खिल चंद्रमा, मीरा का आधार
मीरा का आधार, मुरारी भावन भूखे
लगन लगे जब कान्ह, जोगनी तनमन हरषे
कह गौतम चितलाय, न है सुधबुध कुछ खोवन
लाज शरम उड़ जाय, मिलें जब धन मनमोहन॥
शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ