गीत/नवगीत

सरहद आल्हा /वीर छंद (गीत )

 

भड़की ज्वाला खूँ की प्यासी, सरहद भरती है हुंकार|

उबल पड़ा फिर लहू हिन्द का ,सुनकर  साँपों की फुफकार||

दुर्गा मात जहाँ की बेटी ,बब्बर शेर जहाँ के लाल|

भारत माँ का एक इंच भी ,होने ना दें बाँका बाल||

 

सोच लिया कैसे तूने फिर ,अपना झंडा देगा गाड़|

भारत की बलशाली सेना ,सीना तेरा देगी फाड़||

 

भारत की जनता की  ताकत ,सोच रहा तू देगा बाँट|

तूने जब-जब शीश उठाया, जाँ बाजों ने फेंका छाँट||

अपनी हद से बाहर आकर ,सिंह माँद में आया कूद|

समझ सका न प्रेम की भाषा , अब समझायेगा बारूद||

 

देश सुरक्षा की खातिर हम , कर देंगे दुश्मन को ख़ाक|

अपने घर के भीतर रखना ,अपनी मंशा तू नापाक||

 

तू  शायद  इतिहास हिन्द का ,अबतक बैरी बैठा भूल|

हँसते हँसते फाँसी पर भी ,अपने वीर गए थे झूल||

सावरकर औ वीर शिवाजी ,नेता जी सरदार पटेल|

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख मराठे ,बुन्देली वंशज चंदेल||

 

सबने भारत माँ की खातिर ,लहराई क्रोधित शमशीर|

वापस रख नापाक इरादे,उनके बेटे  देंगे चीर||

 

फूल अलग हम दिखते चाहे ,एक मगर है अपनी डाल|

कभी न झुकने देंगे मिलकर ,अपनी भारत माँ का भाल||

धर्म अलग हैं  जात अलग हैं ,लेकिन एक सभी का खून|

आन बान पर आन पड़े तो,दुश्मन को रख देते भून||

 

कर डालेंगे टुकड़े टुकड़े ,तेरे लालच की तस्वीर|

भूले से सपने में भी तू ,माँग  न लेना अब कश्मीर||

———-मौलिक

राजेश कुमारी ‘राज ‘

राजेश कुमारी

राजेश कुमारी जन्मतिथि १० जून १९५६ जन्म स्थान मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश शिक्षा --------स्नातक (अंग्रेजी साहित्य ,संस्कृत ,राजनीति शास्त्र) स्नाकोत्तर (संस्कृत ) मेरठ विश्वविद्यालय से हुई है | कार्य अनुभव ----कुछ वर्ष -शिक्षण अनुभव(नेवल पब्लिक स्कूल विशाखापत्तनम ) वर्तमान में... ओपन बुक ओन लाइन साहित्यिक वेब साईट की कार्यकारिणी एवं सः संयोजक -कवितायेँ ,लेख ,कहानियां लिखना ,किताबें पढना , संगीत सुनना ,पेंटिंग ,चित्रकारी ,छायाचित्रकारी,ड्राइविंग आदि राजेश कुमारी के शौंक हैं ---बेडमिन्टन ,टेबिल टेनिस ,तैराकी आदि पसंदीदा खेल खाली वक़्त में खेलना पसंद करती हैं| सम्प्रति ----- प्रथम प्रकाशित पुस्तक ----(कविता संग्रह )ह्रदय के उद्दगार है दूसरी पुस्तक ---काव्य कलश तीसरी पुस्तक –ग़ज़ल संग्रह –साहिल पर सीपियाँ , 4-डाली गुलाब पहने हुए ग़ज़ल संग्रह , 5-गुल्लक लघुकथा संग्रह कुछ साझा काव्य संग्रहों जैसे ह्रदय तारों का स्पंदन , खामोश ख़ामोशी और हम , कवितालोक ,गीतिका लोक प्रेमाभिव्यक्ति , जीवन बुनते हुए , स्वर्ण आभा (राजस्थान )में इनकी कुछ कवितायेँ प्रकाशित हुई| यांत्रिकी देहरादून ,क्वावा शी सेज देहली ,हमारा घर,में तथा विभिन्न पत्रिकाओं में कवितायेँ प्रकाशित -- सम्मान –लखनऊ तस्लीम परिकल्पना सम्मान, ओपन बुक ऑनलाइन साहित्य रत्न हल्द्वानी सम्मान,कवितालोक रत्न हिसार सम्मान,जश्ने ग़ज़ल इलाहबाद सम्मान,साहित्य रत्न भोपाल सम्मान| राजेश कुमारी E1/1 CQA(I) ESTATE LADPUR DEHRADUN ,248008 E [email protected]