क्षणिका

हाथी की पूंछ का एक बाल शेष

अच्छे दिन

तो बस आ ही गये है

समझो

चाहे

पक्ष विपक्ष विरोध करे

हाथी की पूंछ का एक बाल शेष

रह गया

हाथी तो निकल गया

स्वच्छ भारत

 

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक