गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

जो दिल तुझसे मैंने लगाया न होता !
तो दिल आज मेरा पछताया न होता !!

आँखों से मेरी यूँ आँसू न बहते !
जो प्यार को मेरे ठुकराया न होता !!

जीस्त में मेरी भी खुशियाँ होती !
जुदाई का गम जो सताया न होता !!

दिल के अरमाँ सारे दफन नही होते !
जो दिल को मेरे फिर जलाया न होता !!

दिल मेरा तुझको अब भी चाहता ये !
दिल को मैंने गर समझाया न होता !!

गम के साथ घुटता रहता मेरा दिल !
जो हँसना तूने सीखाया न होता !!

तेरा बनके साया चलता तेरे संग !
जो चराग तूने जलाया न होता !!

इख्तियार में तेरे मेरा दिल न होता !
जो दिल को तूने धड़काया न होता !!

चाँद पे जाकर रहता फिर नन्हा !
जो दिल में तेरे घर बनाया न होता !!

शिवेश अग्रवाल ‘नन्हाकवि’

शिवेश हरसूदी

खिरकिया, जिला हरदा (म.प्र.) मो. 8109087918, 7999030310