गीतिका/ग़ज़ल

“नदिया किनारे गाँव”

गीत काव्य, मात्रा भार- 14,

नदिया किनारे गाँव रे

कहीं ऊँच कहीं खाँव रे

चकवी चकवा गुटुरावें

झुंगी झाड़ी झनकाव रे।।

नदिया नैया बहाव रे

बदरी बरखा निभाव रे

गर्म ठंड अरु पुरुवाई

भिजत गोरी के पाँव रे।।

नदिया नैया नहाव रे

छलकत मलकत बाव रे

पानी पसरे धरती पर

कहीं कींच कहीं काँव रे।।

नदिया घेर घेराव रे

पूल बाँध बड़ भाव रे

खबर खैरियत नियराए

बढ़ती बाढ़ गरकाव रे।।

जेठे नदिया तलाव रे

बैसाखे जल अभाव रे

मेढ़क मेह असाढ़े से

सावन झूला झुलाव रे।।

भादों नदिया उदभाव रे

कार्तिक कलश सुभाव रे

क्वार करार अधीर प्रिये

अश्विन चूड़ी झनकाव रे।।

नदिया पूसी जस घाँव रे

माघ महक निज छाँव रे

फगुनी गोरी लहराए

अँचरा भीगे भराव रे।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ