कविता

कुंडलिया

आज पावन शिक्षक दिवस, 05-09-2017 पर पूज्यनीय गुरुवर वृंद जनो को सादर चरण स्पर्श……
“कुंडलिया”

मुंशी जी जिस दिन मिले, मिला सकल संसार
पंडित जी गुरु पद कमल, वंदहुँ बारंबार
वंदहुँ बारंबार, शिक्षक ने अँगुली पकड़ी
क ख सम्यक संज्ञान, निखरती पटरी लकड़ी
गौतम ज्ञान अपार, महिमा गुरु शिक्षा बंशी
नैया के पतवार, नमन चित गुरुवर मुंशी।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ