मन मे ख्याल आया हैं
मन मे एक ख्याल आया है
ख्यालो मे तुम आये हो
तुझमे मै मुझमे तुम
दूसरो के नामो से दूर
तुम्हारी खुशबू तुम्हारी महक
करता है आगाज तुम्हारे आने का
बारिश की पहली बुँदे
और तुम्हारा साथ
अब क्या चाहियें मुझे कुछ और
सौंधी-सौंधी गिली मिट्टी से खेलना
एक दूसरे का नाम लिखना
चौकड़ियॉ भरना
यही तो ख्याल आया है
फिर से तुमको याद किया हैं।
निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’