आँसू
तुम मेरे हमसफ़र
और रह गुजर हो
ग़म में डूबूं या खुशी में
तुम तो सहज छलक पड़ते हो।
किसी की
पीड़ा देख बह पड़ते हो,
तुम्हारा बहना
अपूर्व शांति सौंपता है
नई दिशा देता है
मैं बहुत खुश हूं
कि तुम मेरे पास हो
दुनिया जहान की
इतनी पीड़ा देख कर
तुम अभी तक
नहीं सूखे हो।
मेरे आंसू
तुम इतना उपकार करना
कभी भी………..
सूखना नहीं……………….
कभी रूठना नहीं……………
— कालिका प्रसाद सेमवाल